नई मुंबई : 'मूनलाइटिंग' नामक एक घटना वर्तमान में टेक उद्योग में जड़ें जमा रही है। इसका मतलब है कि एक कंपनी में काम करते हुए दूसरी कंपनियों के लिए काम करना। घर से काम करते समय यह आसान हो रहा है।
वर्क फ्रॉम होम कोरोना के कारण बहुत लोकप्रिय हो गया है। आज भी कई कंपनियां कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दे रही हैं। इससे ऑफिस जाने, आने-जाने की तैयारी में लगने वाले समय की बचत हो रही है। इस खाली समय में ये कर्मचारी कहीं और काम की तलाश में हैं। आईटी सेक्टर में इस दूसरी नौकरी पर चर्चा हुई है। इस बीच विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी ने कहा है कि यह कंपनियों के लिए जोखिम भरा है।
'मूनलाइटिंग' नामक एक घटना वर्तमान में टेक उद्योग में जड़ें जमा रही है। इसका मतलब है कि एक कंपनी में काम करते हुए दूसरी कंपनियों के लिए काम करना। घर से काम करते समय यह आसान हो रहा है। इस पर प्रेमजी ने कहा है कि यह धमकी है। उन्होंने कहा, "तकनीक उद्योग में लोगों द्वारा अपनी कंपनी के काम के अलावा अन्य काम करने के बारे में बहुत सारी बातें हैं। यह स्पष्ट रूप से एक धोखाधड़ी है।"
विप्रो के चेयरमैन का यह बयान ऐसे समय आया है जब कंपनी ने पिछले दिनों मार्जिन पर बढ़ते दबाव के चलते कर्मचारियों को वैरिएबल पे रोकने का फैसला किया है। कंपनी के कार्यकारी (सी-सूट) स्तर के प्रबंधकों को परिवर्तनीय वेतन का कोई हिस्सा नहीं मिलेगा, जबकि नए कर्मचारियों के दल के नेताओं को कुल परिवर्तनीय वेतन का 70 प्रतिशत प्राप्त होगा।
हाल ही में फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने 'मूनलाइटिंग' पॉलिसी लॉन्च की है। इसके तहत कर्मचारी कंपनी की मंजूरी के बाद अन्य काम भी कर सकते हैं। स्विगी के एचआर हेड गिरीश मेनन प्रेमजी के विचार से असहमत नजर आए। 'यह कार्यस्थल का भविष्य है। यही हम करने का प्रयास करते हैं। यह नीति व्यापक है और क्रूर नहीं है।"
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