महाराष्ट्र में महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलने के तीन दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर नहीं लगी है. हालाँकि, जैसा कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया. ऐसे में जो विधायक हमारे साथ हैं,उन्हे अलग नहीं सोचना चाहिए. ऐसा लगता है कि उन्होंने सावधानी बरती है. समझा जाता है कि शिंदे के पास शिवसेना विधायकों के लिखित हलफनामे हैं।
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे की शिवसेना के 20 विधायक चुने गए। इन नवनिर्वाचित विधायकों की सोमवार को 'मातोश्री' में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में बैठक हुई. बैठक में नवनिर्वाचित विधायकों के साथ ही पार्टी के विधान परिषद सदस्यों के साथ-साथ सांसद भी शामिल हुए. बैठक में सर्वसम्मति से विधानमंडल और विधानसभा के नेताओं का चुनाव किया गया. इस बैठक में नवनिर्वाचित विधायकों द्वारा शपथ पत्र भी लिखा गया.
मातोश्री में क्या हुआ | Uddhav Thackeray | by election
इस हलफनामे में कहा गया है कि पार्टी प्रमुख को विधायिका के संबंध में निर्णय लेने का पूरा अधिकार है और उनका निर्णय बाध्यकारी होगा. इस संबंध में विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि शपथ ग्रहण की प्रक्रिया विधानमंडल के नियमों के अनुसार सामान्य है. उन्होंने कहा, इस प्रक्रिया में कुछ भी नया नहीं है, सभी पक्षों को यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इस बैठक में सांसद व सचिव अनिल देसाई, नेता सुभाष देसाई, संजय राऊत समेत वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.